मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने मेेें भारतीय संस्कृति की भूमिका पर वेबिनार के साथ सम्पन्न हुआ मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह




गोरखपुर। लगातार 11 दिन से चल रहे मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह विशेष कार्यक्रम का आज सी.आर.सी. गोरखपुर में समापन हो गया। कार्यक्रम हेतु आयोजित 55वीं वेबिनार श्रृंखला में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने मेेें भारतीय संस्कृति की भूमिका पर चर्चा करने हेतु देश के जाने माने विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। बतौर मुख्य अतिथि राश्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग जन संस्थान देहरादून के राष्ट्रीय निदेशक हिमांशु दास ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हमने अपने प्राचाीन सामाजिक जीवन को पीछे छोड़ दिया जिसकी वजह से हमें अनेक प्रकार की मनोसामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें अपनी प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति पर लौटना ही होगा।

एन.आई.ई.पी.आई.डी. क्षेत्रीय केन्द्र नवी मुम्बई के पुनर्वास मनोविज्ञान विभाग के प्रवक्ता श्री दशरथ चौधरी ने कहा कि हमें अपने सामाजिक जीवन में बदलाव की जरूरत है। विशेषकर दिव्यांगता पुनर्वास क्षेत्र मे यह बहुत आवश्यक है।

प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विष्वविद्यालय माउंट आबू, राजस्थान की अध्यात्म प्रबन्धन की बरिश्ठ फैक्ल्टी सुश्री बी.के. सावित्री दीदी ने कहा कि आज हमारे जीवन में अध्यात्म के लिए स्थान बहुत सीमित हो गया है जिसकी वजह से हम मानसिक स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं। जिस प्रकार जीवन के लिए पांचों प्राकृतिक तत्वों में समन्वय आवश्यक है उसी प्रकार सम्पूर्ण मानसिक स्वास्थ्य के लिए भारतीय संस्कृति और आध्यत्मिक जीवन में समन्वय आवष्यक है।

गोरखपुर जिला अस्पताल मनोरोग विभाग के सहायक प्राध्यपक डाॅ0 अमित कुमार शाही ने कहा कि भारतीय संस्कृति को अपनाए बिना एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती है।

सी.आर.सी. के निदेशक रमेश कुमार पान्डेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी पारिवारिक और सामाजिक संरचना की कार्य पद्धति में बदलाव की वजह से हम सब लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का सामना कर रहें है जबकि प्राचाीन भारतीय सभ्यता और संस्कृत पर आधारित हमारी सामाजिक व्यवस्था हमें एक आदर्श जीवन और सामाजिक जीवन प्रदान करती थी। जिससे हम कहीं न कहीं दूर हुए है। परंतु हमारे लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आज हम लोग मानसिक स्वास्थ्य पर एक साथ बैठ रहे हैं तथा चर्चा कर रहे हैं जिससे समाज में एक संदेश जा रहा है कि अब समय आ गया है कि हम लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य कि चिंता करें। 

कार्यक्रम के संयुक्त समन्यवक राजेश कुमार, अमित कुमार कच्छप, तथा राजेश कुमार यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की तथा कार्यक्रम से संयुक्त सह समन्वयक संजय प्रताप सिंह और श्री नागेन्द्र पान्डेय ने कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया। कार्यक्रम में आनलाइन माध्यम से 100 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया।