डीएम और सीएमओ ने किया लोगों को जागरुक, कहा लाकडाउन का करें पालन

महानगर में उतरी स्वास्थ्य विभाग की 163 टीम, 250 परिवार होम क्वेरेंटाइन



  • जिलाधिकारी और सीएमओ ने भी सड़क पर उतर कर जनता को जागरूक किया

  • जिलाधिकारी ने माइक से की अपील-लॉकडाउन का पालन करें लोग

  • 100 शैय्या बेड के टीबी अस्पताल का भी डीएम व सीएमओ ने लिया जायजा

  • चौदह दिनों की कड़ाई में ही है अपनों की भलाई-सीएमओ


गोरखपुर, 31 मार्च-2020 


स्वास्थ्य विभाग की 163 टीम मंगलवार से महानगर के सड़कों, गलियों और चौक-चोराहों पर भी और मुस्तैदी के साथ उतर गईं। इन टीम ने घर-घर भ्रमण कर बाहर से आए लोगों की स्क्रीनिंग कीं और करीब 250 घरों पर होम क्वेरेंटाइन के स्टीकर चस्पा किये। लोगों को जागरूक करने के लिए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी और एरिया के नोडल एसीएमओ भी फील्ड में रहे। जिलाधिकारी ने माइक के जरिये लोगों से अपील की कि वह लाकडॉउन व परामर्श के अनुसार होम क्वेरेंटाइन का पालन करें। उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। जिलाधिकारी व सीएमओ ने 100 शैय्या बेड के टीबी अस्पताल का भी जायजा लिया। वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया गया है अस्पताल की साफ-सफाई सुनिश्चित करें और 90 बेड के क्वेरेंटाइन वार्ड को तैयार रखें। सीएमओ ने बताया कि नौसढ़ और रेलवे बस अड्डे पर दो-दो टीम ने करीब 1000 से ज्यादा मुसाफिरों की थर्मल स्कैनिंग भी की।
          
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जनपद के लोगों से अपील की है कि  कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में किये गए लाक डाउन के बीच दूसरे राज्यों और शहरों से बडी संख्या में गाँव लौटने वालों को 14 दिनों तक अपने घर-परिवार से दूर रहना चाहिए । उनसे यह बात उनके अपने और अपनों की भलाई के लिए ही की जा रही है । इसके पीछे मंशा यह है कि 14 दिनों तक उनको गाँव से बाहर स्थित स्कूल या सरकारी इमारतों में रखकर उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी । यदि इसबीच किसी में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आते हैं तो उसकी जाँच और इलाज की व्यवस्था की जाएगी ताकि उनसे किसी और तक यह वायरस न पहुँचने पाए । 
इस बीच, दूसरे राज्यों से बडी संख्या में लोगों के पलायन को देखते हुए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव का निर्देश है कि बाहर से गाँव आने वालों की स्क्रीनिंग की जाए और उन्हें 14 दिनों तक क्वेरेनटाइन (घर-परिवार से अलग) में रहने को कहा जाए ।


शासनादेश के अनुसार इस काम में वह ग्राम प्रधानों की मदद ले सकते हैं । सभी गाँवों में ग्राम प्रधान बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालय और विद्यालय की अनुपलब्धता की दशा में अन्य शासकीय भवन अथवा कोई अन्य भवन चिन्हित कर सकते हैं । बाहर से लौटने वाले हर किसी को इसका कड़ाई से पालन करना चाहिए । शासनादेश के मुताबिक यदि कोई ग्राम प्रधान की हिदायत पर बात नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है । कोई भी व्यक्ति किसी भी दशा में 14 दिन पूरे किये बिना ग्राम के सामान्य आबादी के साथ घुले-मिले नहीं । इस अवधि में सम्बंधित ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव गाँव के कोटेदार एवं तयशुदा वेंडर जिन्हें घर-घर की डिलीवरी का दायित्व दिया गया है, उनके द्वारा इन व्यक्तियों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कराएँगे  ।  



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चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश  - 1800-180-5145 , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय – 011- 23978046, टोल फ्री नंबर- 1075, गोरखपुर जिले का कंट्रोल रूम नंबर-0551-2205145