मानवाधिकार संघ भारत ने परिचर्चा और काव्य गोष्ठी कर मनाया मानवाधिकार दिवस, पदाधिकारियों ने ली शपथ

मानवाधिकार संघ भारत ने परिचर्चा और काव्य गोष्ठी कर मनाया मानवाधिकार दिवस, पदाधिकारियों ने ली शपथ


गोरखपुर। मानवाधिकार संघ भारत की गोरखपुर इकाई द्वारा "मानवाधिकार दिवस" यानी 10 दिसंबर को मानव अधिकार के ऊपर एक विस्तृत परिचर्चा तथा इस अवसर पर संगठन के नए सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।


परिचर्चा के पूर्व काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें संचालन युवा शायर एवं समाजसेवी वसीम अजहर गोरखपुरी ने किया तथा शाकिर अली शाकिर, जावेद खान 'अमन', मोहम्मद कासिम, चारुशिला सिंह ने इस अवसर पर देश भक्ति एवं मनमोहक काव्य पाठ से सबका दिल मोह लिया!
मानव अधिकार दिवस के ऊपर परिचर्चा करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड, प्रदेश के अध्यक्ष आर्किटेक्ट मोहम्मद आतिफ ने कहा कि वर्तमान समय में जीवन इतना अस्त-व्यस्त हो गया है  की मानव को अपने अधिकारों के बारे में जानने का समय ही नहीं है साथ ही साथ उसको इसका पता भी नहीं है की समाज में मानव होने के नाते उस पर कौन-कौन सी जिम्मेदारियां निहित होती हैं।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता इंजीनियर मोहम्मद मिन्नतुल्लाह ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि मानव अधिकार दिवस संपूर्ण विश्व में प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में सर्वभावमिक मानव अधिकार पत्र स्वीकार किया था, तब से प्रतीक 10 सितंबर को संपूर्ण विश्व में मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। भारत में 28 सितंबर 1993 मानव अधिकार कानून अमल में आया।और 12 अक्टूबर 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया। का उद्देश्य था की मानवीय अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करना तथा मानव अधिकारों के हनन को भारत देश में संपूर्ण रूप से कैसे समाप्त किया जाए इस पर कार्य करना था।मानव अधिकार किसी भी इंसान की जिंदगी आजादी बराबरी और सम्मान का अधिकार है। और यह मानवीय अधिकारों को पहचान दिलाने और उसके वजूद को अस्तित्व में लाने के लिए तथा अधिकारों के लिए जारी हर लड़ाई को ताकत देने के लिए मनाया जाता है।संपूर्ण विश्व में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्म को रोकने व उसके संघर्षों को नई दिशा देने में इस दिवस की अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ शमशाद आलम एडवोकेट ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव अधिकार है क्या यह समझने की विशेष जरूरत है और उसके पति हम सबको मिलकर समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है उन्होंने बताया कि मानव अधिकार हुए मूलभूत अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल जाती राष्ट्रीयता धर्म लिंक आज के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। और सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है।
इसके बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सभी नए सदस्यों को शपथ ग्रहण कराया और इस बात पर जोर दिया कि वह जिस संगठन से जुड़े हैं  वह कोई आम संगठन नहीं है 28 प्रदेशों के 800 जिलों में यह संगठन के सदस्य सक्रिय हैं।
कार्यक्रम का संचालन वसीम अजहर ने किया।
अंत में कार्यक्रम के आयोजक और प्रदेश मीडिया प्रभारी अरशद अहमद ने सभी अतिथियों का और सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संगठन के समस्त नवनिर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर के सदस्यों के साथ-साथ जिला स्तर के बीच समस्त पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
शपथ लेने वालों में
1_अरशद अहमद मीडिया प्रभारी उत्तर प्रदेश
2_सरदार जसपाल सिंह जिला अध्यक्ष गोरखपुर
3_वसीम अजहर कोऑर्डिनेटर जिला गोरखपुर
4_मोहम्मद सिराज खान मंडल प्रभारी गोरखपुर
5_अहमद कमाल प्रदेश सचिव
कार्यकारी सदस्यों में
डॉ कैलाश शर्मा
डॉक्टर विनोद प्रसाद
कनक हरि अग्रवाल
फैजान अहमद
मोहम्मद अजहर
मुदस्सिर अहमद
मोहम्मद जिकरुल्लाह 
ख्वाजा शमसुद्दीन 
फैजी बाबा
इरफान अहमद
अहमद जुनैद
आदि आदि ने शपथ ली।