कोरोना वायरस से न घबराएं, खुद बचे औरों को बचाएं

कोरोना वायरस से न घबराएँ, खुद बचें औरों को बचाएं


चिकित्सकों की सलाह - घबराने नहीं, सावधान रहने की जरूरत


गोरखपुर। कोरोना वायरस से लोगों को बचाने और इस मुश्किल दौर से हर किसी को उबारने के लिए सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं । चिकित्सकों द्वारा भी बराबर यही बताया जा रहा है कि कोरोना का कोई मुकम्मल इलाज अभी नहीं है, इसलिए हर किसी को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है । सावधानी बरतकर ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं । इस बारे में सभी को जागरूक करने के लिए हर जिले के साथ ही प्रदेश स्तर पर हेल्प डेस्क और हेल्प लाइन की व्यवस्था की गयी है, जिसके जरिये लोगों के सवालों का उचित जवाब मिल रहा है ।


            गोरखपुर के सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कोरोना से बचाव को लेकर हम तीन महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर फोकस करने के साथ ही उन्हें क्या सावधानी बरतनी है, उस बारे में जागरूक कर रहे हैं । इसमें पहला है –यदि आप विदेश से लौटे हैं, दूसरा- यदि आप दूसरे राज्य या शहर से गाँव लौटे हैं और तीसरा- यदि आप सामान्य नागरिक हैं तो क्या जरूरी सावधानी बरतनी है ।


यदि विदेश से लौटे हैं :


कोरोना के दौरान विदेश से आने वालों को बताया जा रहा है कि आप  घबराएं नहीं, 14 दिनों तक घर के एक अलग कमरे में परिवार वालों से दूर रहें । इस तरह से आप अपने साथ परिवार वालों को भी कोरोना से बचा सकते हैं । जिस कमरे में रह रहे हैं उसमें एक लीटर पानी में 15 ग्राम  ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर पोछा लागएं । इस दौरान परिवार वालों के साथ ही किसी अन्य से भी हाथ मिलाने और गले मिलने से बचें । विदेश से लौटने के 28 दिनों के भीतर यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे कोई भी लक्षण दिखें तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर -1800-180-5145 अथवा अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिला सर्विलांस अधिकारी से संपर्क करें ।


दूसरे राज्य या शहर से गाँव लौटे हैं :


इस आपात स्थिति में दूसरे राज्यों और शहरों से लौटने वालों को भी यही सलाह दी जा रही है कि वह 14 दिन तक अपने परिवार के साथ घर पर ही रहें, बाहर न निकलें । धार्मिक स्थल, आयोजन, शादी व सामाजिक समारोह में कतई न जाएँ । बुखार और खांसी होने पर केवल पैरासीटामाल लें और घर पर आराम करें । इमरजेंसी की स्थिति जैसे तेज सांस फूलने या तेज बुखार होने पर स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर -1800-180-5145 अथवा अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिला सर्विलांस अधिकारी से संपर्क करें ।  


सामान्य नागरिक : विदेश यात्रा या दूसरे राज्य से आपके शहर, कस्बे या गाँव में लौटे व्यक्ति को देखकर घबराने की जरूरत नहीं है । ऐसे लोगों को सलाह दें कि वह लौटने के बाद 14 दिनों तक अपने घर में अलग कमरे में रहें और किसी के सम्पर्क में आने से बचें । अगर वह इस सलाह को नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है । विदेश यात्रा से लौटने के बाद यदि खांसी, बुखार या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखाई दें तो ऐसे लोगों के साथ जो लोग निवास करते हैं केवल उनको ही कोरोना की जांच कराने की आवश्यकता है, अन्य लोगों को जाँच कराने की जरूरत नहीं है । आपस में बातचीत करते समय कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखें । 


कोरोना के बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –


चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश  - 1800-180-5145 , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय – 011- 23978046, टोल फ्री नंबर- 1075


इन नंबर्स पर भी कर सकते हैं सम्पर्क


·        कोरोना संबंधित स्थानीय स्तर की कोई शंका हो तो जिले में बने कंट्रोल रूम के नंबर 0551-2205145 पर सम्पर्क करें।


·        प्रदेश सरकार के हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर भी संपर्क कर सकते हैं।


·        शंका समाधान के लिए केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 पर भी फोन कर सकते हैं।


होम क्वेरेंटाइन लोग कोरोना पीड़ित नहीं


सीएमओ ने जिले में फैल रहे इस अफवाह को खारिज किया है कि जिन लोगों के घर पर होम क्वेरेंटाइन का पोस्टर लगाया गया है वह कोरोना पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि विदेश या देश के अन्य हिस्सों से आए लोगों के हाथों पर होम क्वेरेंटाइन की मोहर विभाग द्वारा लगवाया जा रहा है और ऐसे लोगों के घर पर पोस्टर चस्पा करवाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य दूसरे लोगों को सतर्क करना है। जिनके हाथ पर मोहर है या जिन घरों के बाहर पोस्टर चस्पा है वे कोरोना प्रभावित नहीं है। हां, ऐसे लोगों को 14 दिन तक किसी के सम्पर्क में नहीं आना है।


सीएमओ की अपील


सीएमओ ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना के बारे में किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है और न ही दुष्प्रचार का हिस्सा बनें। सभी लोगों के कोरोना जांच की आवश्यकता भी नहीं है। गांवों व शहरी वार्डों में जाने वाली मेडिकल टीम आवश्यकता पड़ने पर बीमार व्यक्ति को सीएचसी-पीएचसी या फिर जिला अस्पताल भेजेगी। वहां बैठा चिकित्सक मानकों के अनुसार कोरोना जांच लिखेगा और फिर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि बाहर से आए व बुखार पीड़ित हर मरीज को कोरोना संदिग्ध न समझें और न ही उसे ऐसा संबोधित किया जाए। गाइडलाइन के मुताबिक जो भी कोरोना संदिग्ध होगा उसकी जांच करा कर पुष्टि की जाएगी व आवश्यक कार्यवाही होगी।