बेहतर स्वास्‍थ्‍य पाने का एक आसान तरीका है स्वच्छ हाथ : डाॅo बसंत

"बेहतर स्वास्‍थ्‍य पाने का एक आसान तरीका है स्वच्छ हाथ। शायद यह तथ्य आपको चौंकाने वाला लगे कि हमारे शरीर में अधिकतर कीटाणु हमारे हाथों के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। अगर हमें खुद को संक्रामक बीमारियों से बचाना है तो हाथों को साफ रखना बेहद जरूरी है।" यह बातें आज ग्लोबल हैंडवाशिग डे के अवसर पर आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत के द्वारा स्कूली बच्चों के साथ साझा की गई।


हमारे हाथों में गंदगी छिपी होती है, जो अक्सर सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देती है। यह गंदगी किसी वस्तु को छूने, उसका इस्तेमाल करने और कई तरह के दैनिक कार्यों के कारण होती है। बिना हाथ धोए खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करने से यह गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है। जो बाद में कई भयंकर बीमारियों का कारण बनती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि केवल हाथों को साफ रखने से  दिमागी बुखार, इन्फ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू, हेपेटाइटिस ए और संक्रामक दस्त जैसी बीमारियों के संक्रमण से बचा जा सकता है। हाथ धोना स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है। हर व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखना चाहिए। हम दिन में कई चीजों को छूते हैं, ऐसे में कीटाणु हमारे हाथ की लकीरों में छिप जाते हैं। हाथ धोने के लिए हर बार साबुन का प्रयोग करें। लोगों में हाथों की धुलाई के प्रति जागरूकता के मकसद से ही पूरे विश्व में 15 अक्तूूबर को हाथ धुलाई दिवस (ग्लोबल हैंड वाशिंग डे) मनाया जाता है। कुछ खास अवसर पर हाथ धोना अनिवार्य होता है, जो निम्नलिखित हैं:
- खाना पकाने, खाना खाने और खाना परोसने के पहले और बाद
- शौच के बाद हाथ धोनाअनिवार्य है
- नाक या मुंह पर हाथ लगाकर छींकने के बाद
- सभी तरह के केमिकल के इस्तेमाल के बाद
- अपनी या बच्चे की नाक साफ करने के बाद
- टॉइलट जाने या डायपर बदलने के बाद
- पालतू जानवर से खेलने के बाद
- बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद
कई अवसरों पर हाथ धोने के लिए पानी की उपलब्धता नहीं होती है, इसके लिए बाजार में कई ऐसे उत्पाद विकल्प के रूप में मौजूद हैं जिससे आप अपना हाथ साफ रख सकते हैं। इसमें हैंड सैनिटाइजर, वाईप्स और खास तरह के टिशू पेपर्स आदि हैं। आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत के द्वारा यह कार्यक्रम बिहार के 5 जिलों के लगभग 200 विद्यालयों और 50 आँगनबाड़ी केन्द्रों में मनाया गया।