गोरखपुर। पहली बार दिया जाएगा शहीदों को पिंडदान और तर्पण आजादी की लड़ाई लाखों लोगों ने गोलियां खाई, फांसी पर चढ़े ,आजीवन कारावास से अज्ञात मृत्यु को प्राप्त हो गए।इनका उसमें कुछ ऐसे भी लोग रहे होंगे जिनकी मृत्यु का न तो पता, ना ही उनके कोई आगे पीछे था ।जिनका पता भी था उसमे पंडित चंद्रशेखर आजाद का नाम सबसे ऊपर आता है ।आजाद के मृत्यु के पश्चात उनकी माँ उन्हें इंतजार करते-करते मर गई कि मेरा आजाद आएगा वह मर नहीं सकता। हजारों आजाद हिंद फौज के सैनिक ऐसे भी बलिदान को प्राप्त हुए जिनको वही जंगल में छुट गए। नेताजी ने सोचा था कि देश जब आजाद होगा तो हम लोग इनका सम्मान करेंगे परंतु नेताजी आजादी के पहले ही गुमनाम हो गए।आजाद हिंद चेतना मंच व विश्व का सबसे लंबा तिरंगा समिति पितृपक्ष के विसर्जन के दिन 28 सितंबर को प्रातः 9:00 बजे से 10:30 तक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल पार्क में उन बलिदानीयॉ के सम्मान में पिंडदान और तर्पण करेगी। यह कार्यक्रम होने के पश्चात लोगों को बिधि बिधान से भोजन इत्यादि कराया जाएगा! संगठन यह मानता है कि हमारे पूर्वज जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया शहीदों के सम्मान में अनवरत कार्य करने वाली संस्था को "देश धर्म "का निर्वहन करती रहेगी। इस महान देश भाकि के कार्यक्रम में शहर के कई सभ्रांत लोगों के साथ सामाजिक संगठन के लोग उपस्थित रहेंगे ।